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Vav in Gujarat | गुजरात की वाव | वाव के प्रकार | Types Of Vav

Vav in gujarat
Written by Kishan Patel

वाव किसे कहते है

“वाव यानि अपनी भाषा में बोलू तो एक तालाब जो जमीन से एक या दो माला गहराई में होता है और उस पानी तक पहोचने केलिए सिडिया बनाए होती है।”

इस पानी पर सूर्य प्रकाश न पडने से पानी का भष्पीभवन नहीं होता। इस पानी पर सूर्य प्रकाश न पडने से पानी का भष्पीभवन नहीं होता।इस पानी का उपयोग पिने,स्नान करेने और खेती के लिए उपयोग में लिया जाता था।

वाव के प्रकार

वाव के प्रवेशद्वार के अनुसार वाव के चार प्रकार है।

types of vav

  1. नंदा वाव = एक प्रवेशद्वार
  2. भद्रा वाव = दो प्रवेशद्वार
  3. जया वाव = तीन प्रवेशद्वार
  4. विज्या वाव = चार प्रवेशद्वार

गुजरात की वाव(Vav in Gujarat)

1)Rani ni vav (राणकी वाव)

rani ni vav

  • 11 सदी में सोलंकी वंश के राजा भीमदेव प्रथम की पत्नी उदयमति ने पाटन में “राणकी वाव” का निर्माण करवाया।
  • ये राणकी वाव 64 मीटर लम्बी,20 मीटर चौड़ी और 27 मीटर गहरी है।
  • साल 2014 में UNESCO द्रारा इस वाव को WORLD HERITAGE SITE में रखा गया है।जो गुजरात की दूसरी WORLD HERITAGE SITE है।

2)Adalaj ni vav

adalaj ni vav

  • इ.स 1499 में महमूद बेगड़ा के समयमे वाघेला वीरसिंह की पत्नी रुड़ाबाई ने अपने पत्नी की यादमे पांचमाला गहरी “अडालज की वाव” का निर्माण करवाया जिसे “रुड़ावाव” भी कहा जाता है।
  • ये वाव जाया प्रकार की वाव है

3)Dada Hari vav

dada hari ni vav

  • इ.स 1485 में मुश्लिम सुल्तान बाई हरी ने वाव की रचना करवाए जिसे समय जाते दादा हरि की वाव से जाना गया।
  • ये वाव अहमदाबाद के असरवा विस्तार में स्थित है।
  • नंदा प्रकार की वाव है।



4)Adi-Kadi vav

adi kadi vav junagadh

  • जूनागढ़ में स्थित गिरनार पहाडी के तलेटी मे इ.स 319 में वाव की रचना हुए।जिसे इ.स 976 में प्रकाश डाला गया।
  • ये वाव भारत की सबसे पुराणी वाव है।
  • 81 मीटर लम्बी ,4.75 मीटर चौड़ी और 41 मीटर गहरी है।
  • ये वाव नंदा प्रकार की वाव है

5)Gebanshah vav

gebanshah ni vav

  • 16 मि सदी में गेबनशाह नाम के फकीर ने चांपानेर में वाव का निर्माण करवाया।
  • ये वाव अंदाजित 20 मीटर गहरी,6 मीटर चौड़ी और 50 मीटर लम्बी है।
  • नंदा प्रकार की वाव है।

6)Helical vav

helical vav champaner

  • ये वाव चांपानेर शहर से दूर वड़ोदरा जाने के रस्ते पर है।
  • इस वाव का आकर हेलिकल जैसा गोल है ।

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7)Modhera vav

modhera vav

  • नंदा प्रकार की वाव है ।
  • इस वाव का निर्माण सूर्यमंदिर के साथ हुआ था।

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Kishan Patel

My Self Kishan Patel. I have done my graduation under computer engineering in 2017. Basically I Professional in Digital Marketing and passioned blogger and YouTuber.

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