Humayun History Hindi – हुमायु का इतिहास
(समय : इ.स १५३० – इ.स १५४०)

हुमायु
- हुमायु का पूरा नाम “नसुरुद्दीन महमद हुमायु” था ।
- इनका जन्म “६ मार्च १५०८ में “काबुल” में हुआ था ।
- हुमायु नाम का अर्थ होता है “भाग्यशाली” लेकिन वो कमनसीब था ।
- वो तुर्की और फारसी भाषा का जानकर था।उसे खगोड़,भूगोल,ज्योतिषी और तत्वज्ञान का भी परिचय था।
- जब बाबर भारत आये तब वह लड़ाई में बाबर के साथ ही था।
- ३० दिसम्बर १५३० में बाबर की मृत्यु के बाद सिर्फ २३ वर्ष की उम्र में गद्दी पर आया।
हुमायु के युद्ध
- हुमायु ने कालिंजर पर आकर्मण किया और कालिंजर के राजा प्रतापरुद्रदेव को हराया।
- दोराह/दोहरिया युद्ध जिसमे विजय होने के याद में १५३३ में “दीनपनाह” भवन की स्थापना की।
- हुमायू ने चुनार पर हमले किये और वहा के राजा “शेरशाह शुरी” को हराकर उनके बेटे कुतलुगखां को बंदी बनाया।
- बिहार में मिर्जा और मुहमद सुल्तान का विद्रोह हुआ जो हुमायूने अपनी सुजबुझ से संभाल लिया।
- हुमायु ने गुजरात के बादशाह को हराकर मड़वा और गुजरात अपने कबजे मे लिया।
- २५ जून १५३९ के दिन हुमायु और शेरशाह शूरी के बिच चौसा का युद्ध हुआ जिसमे हुमायु की हर हुए और हुमायु को भारत छोड़ना पड़ा।
- हुमायु भारत छोड़ने के बाद १५ साल अपने वतन काबुल में रह ने लगा।
- इसी दौरान हुमायु ने हमीदाबानू से सादी की और “अकबर” का जन्म हुआ।
- अब हुमायु ने ईरान के राजा शाह के साथ हाथ मिलाकर “सिकंदर शूरी” (शेरशाह शूरी के वंशज)को हराकर आगरा और दिल्ली पर कबजा कर लिया और १५५५ में फिरसे दिल्ली में मुग़ल शासन हुआ।
- हुमायु अम्बे समय तक शासन न कर सका।विजय के ५,६ महीने बाद संध्या के समय ग्रंथालय के सीडी से पैर फिसल गया और उनकी मृत्यु हो गए।

हुमांयुनामा
- हुमायु की बहन “गुलबदन बेगम” ने अपने भाई की आत्मकथा “हुमांयुनामा” लिखी है।

हुमायु का मकबरा (दिल्ली)
- हुमायु का मकबरा दिल्ली में स्थित है।
- हुमायु के बाद अकबर १३ वर्ष की आयु ने दिल्ली की दद्दी पर आता है।
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