History

haryak vansh History|haryak vansh in hindi|हर्यक वंश का इतिहास

haryak vansh History
Written by Kishan Patel

जैन धर्म और बौद्ध धर्म से मिली माहिती के अनुसार इ.स पूर्वे ७ सदी के अंत भाग में उत्तर भारत में कोई सर्वव्यापी सत्ता न थी।समग्र भारत छोटे-छोटे राज्यों में बता हुआ था और इसे इतिहास में “महाजनपद” के नाम से जाना जाता है।इस समय ऐसे छोटे छोटे १२ महाजनपद अश्तित्व में थे जिसमे से ४ महाजनपद शक्तिशाली थे।

mahajanapadas

  1. कौशल
  2. वत्स
  3. अवन्ति
  4. मगध

इस चारो में भी मगध सबसे शकितसाली था। इस मगध राज्य में पहले हर्यक वंश ,दूसरा शिशुनाग वंश और नन्द वंश ने शासन किया।तो इस आर्टिकल में हम हर्यक वंश के बारे में जानेगे।


Haryak Vansh History

बिंबिसार

  • समय :इ.स पूर्वे ५४४ से इ.स पूर्वे ४९२
  • हर्यकवंश का स्थापक माना जाता है।
  • १५ वर्ष की छोटीसी उम्र में गद्दी पर आता है।
  • बिंबिसार तीन लग्न करते अपना साम्राज्य बढ़ाता है
  1. कौशल की राजकुमारी “कौशलादेवी”
  2. लिच्छवि नरेश चेतक की पुत्री “चेल्लना”
  3. विदेह की राजकुमारी
  • बिंबिसार बौद्ध धर्म का पालन करता था।उन्होंने बौद्ध संग को “कदम्ब-वेन” नामक वन की भेट की।
  • और इस बिंबिसार की हत्या उनके पुत्र “अजातशत्रु” के द्रारा की जाती है।

२)अजातशत्रु

  • समय :इ.स पूर्वे ४९२ से इ.स पूर्वे ४६०
  • अजातशत्रु भगवान बुद्ध के पितराए भाई “देवदत” की गलत बात(कांभंभरणी) बताने के कारण अपने पिता बिंबिसार को जेल में कैद किया और बाद में मर डाला।
  • पति मृत्यु के शोक मे माता कौशल देवी भी मर गए।इशलिये प्रशन्नजितने काशी का प्रदेश वापस ले लिया।
  • अब कौशल और मगध के बिच युद्ध होता है जिसमे अजातशत्रु की हार होती है।लेकिन बौद्ध धर्म की अनुकम्पा के कारण प्रशन्नजित उसको छोड़ देता है और अपनी पुत्री “वजीरा” का विवाह भी अजातशत्रु के साथ करता है।
  • इ.स ४८३ में अजातशत्रु के समय में प्रथम बौद्धसभा का आयोजन होता है।
  • भविष्यमे दूसरे राजा उसपर हमले न करे इसलिए शोण और गंगा नदी के संगम स्थान पर पाटलिग्राम की किल्लेबंधी की और आगे जाते यही मगध की राजधानी “पाटलिपुत्र” बनती है।

अजातशत्रु के मृत्यु बाद उदयन,अनिरुद्ध,मुंड और नागदशक जैसे राजा आये। लेकिन ये सभी राजा के जुल्म से प्रजा भयवित हो गए थी।तभी नागदशक को गद्दी पर से ऊतार कर उनका मंत्री “शिशुनाग” गद्दी पर आता है और मगध में “शिशुनाग वंश” की स्थापना होती है।

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Kishan Patel

My Self Kishan Patel. I have done my graduation under computer engineering in 2017. Basically I Professional in Digital Marketing and passioned blogger and YouTuber.

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