प्राचीन भारत का इतिहास
इतिहास शब्द संस्कृत भाषा के इति-ह-आस शब्द से बना हुआ है।जिसका मतलब होता है “इसके जैसा था“।
जो इतिहास की वास्तविक परिभासा दू तो…”भूतकाल में बानी अच्छी और बुरी घटना को इतिहास कहा जाता है”।और इतिहास के पिता के रूप में “हेरोडोटस” को कहा जाता है।
भारत के इतिहास को तीन पार्ट मे विभाजित किया गया है।
- प्राचीन भारत :जिसका समय इ.स ७५० तक था जिसे हिन्दू युग भी कहा जाता है
- मध्यकालीन युग: जिसका समय इ.स ७५० से इ.स १७०७ तक का है।जिसे मुश्लिमयुग भी कहा जाता है।
- आधुनिक युग :जिसका समय इ.स १७०७ से इ.स १९४७ तक का है ।जिसे ब्रिटिशयुग कहा जाता है।
प्राचीन भारत का वर्गीकरण
- प्रागऐतिहासिक काल
प्रागैतिहासिक काल जिसमे इंसान को लिखना-पढ़ना नहीं आता था। जिससे इस काल का कोई लिखित प्रमाण नहीं मिला। - आद्यैतिहासिक काल
जिसमे इंसान लिखना-पढ़ना सीखा।इस युग के लिखित प्रमाण मिलते है लेखिन वो आज भी हम सुजला नहीं पाए।
उदहारण :सिंधुखिन संस्कृति - ऐतिहासिक काल
जिसके हमें लेखिन प्रमाण मिले है।जो हम पढ़ सकते है ।
उदहारण :गुप्त युग,मौर्य युग …अदि
प्रागैतिहासिक युग का वर्गीकरण
प्रस्तर युग
प्रस्तर युग को तीन पार्ट मे बाटा गया है।
- पुरातन पाषाण युग
पुरातन पाषाण युग मेसे “क्वार्ट्झाइत” नामके खड़क मेसे बने हथियार मिले।और इस युग में अग्नि नई खोज हुए थी और मानवी शिकार करते जीवन जीता था। - मध्यपाषाण युग
मध्यपाषाण युग में मानवी औजार बनता था और इस युग में पशुपालन की शुरुआत हो चुकी थी।और मानवी स्थायी जीवन गुजारने लगा। - नूतन पाषाण युग
नूतन पाषाण युग में मानवी खेती करना सीखा और खोराक को पका के खाने लगा ।
धातु युग
धातु युग को तीन पार्ट में बाटा गया है
- ताम्र युग
नूतन पाषाण युग के अंत भाग तक धातु की शोध हो चुकी थी।और धातु में सबसे पहले तांबे की शोध हुए। - कांस्य युग
इस युग में तांबे और क्लाइव का मिश्र करते कांसु बनाया।सिंधुखिन के लोग कांसु का ज्यादा उपयोग करते थे। - लोह युग
लोहे की शुरुआत जब सिंधुखिन के बाद में जब आर्य भारत आये तब हुए।आर्य अपने साथ लोहा लेके आये थे।